आँखोसे झलकते आँसू ..
आँखोसे झलकते आँसू ..
नम हुँए नैना तेरे ,क्या वजह है..
क्यों किनारे आँखोके तेरे संमदर उमड रहे है
कर दे हलका दिल का हर बोझ तू ..
बेहने दे खारा समंदर नैनों का तू..
हाँ कुछ अंदाज है तेरे गम का
तेरे दिल के हर जख्म का
कुछ तो है दर्द का तेरे ऐहसास भी
दबी हुई हर आह की
हर सिसक की
आवाज है तेरे ये आँसू..
तेरे दर्द की पहचान है ये
आँखों से झलकते ये आँसू
कहाँ ऐ बे - वजह है आँसू...
