STORYMIRROR

saru pawar

Others Children

3  

saru pawar

Others Children

निर्मल मन

निर्मल मन

1 min
24


सुंदर कितने ए मन हैं

ना छल ना कपट इनके अंदर है

ना भेदभाव छूता इनको

हर धर्म इनके दोस्ती में शामिल है

रंग से ना रुप से 

ना जाती ना धर्म से

बचपन जीता हैं बस ..

दोस्ती से दोस्ती तक ..

निर्मल, निःच्छल, अल्हड़ ,कोमल

खिलखिलाता हैं जो हर मोड़ पर..


Rate this content
Log in