बहुत दिन हुए
बहुत दिन हुए
बहुत दिन हुए
बहुत दिन हुए तुमसे बात नहीं हुई
बेकार की बातें हुई कोई बरसात नहीं हुई।
बहुत सताया है तुमने हमको जान लो
नराज़ों की भी बात नहीं बहे आंसू तू साथ नहीं हुई।
बहुत दिन हुए तुमसे बात नहीं हुई... २
आजकल दिल में जो दर्द उठता है तन्हाई में
ये गम पलकें तो भिगोता है पर अश्कों की बात नहीं हुई।
अब तुमसे ही है ज़िंदगी रौशनी अंधेरों में
रही बहुत परछाइयाँ साथ अंधेरों में कोई साथ नहीं हुई।
बहुत दिन हुए तुमसे बात नहीं हुई... २

