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Rupesh Kumar

Romance

4  

Rupesh Kumar

Romance

~~~*कैसे बताऊँ तुम्हें*~~~

~~~*कैसे बताऊँ तुम्हें*~~~

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तुम मेरी कौन हो,

तुम मेरी दिल की धड़कन हो,

तुम मेरी गीत हो, संगीत हो,

मेरे जीवन की मीत हो,

मेरी रंग हो, मेरी रुप हो,

कैसे बताऊँ तुम्हें ....


तुम मेरी याद हो,मन की मीत हो, 

तुम मेरी आरजू हो, गुस्त्जू हो,

मेरी रात की चांदनी हो,

तुम मेरी दिन की सूरज हो,

मेरी चैन हो, मेरी आँसु हो,

तुम मेरी जीवन की रीत हो,

कैसे बताऊँ तुम्हें .....


तुम मेरी सांस हो, मेरी आस हो,

मेरी रचना हो, मेरी शायरी हो,

मेरी सुबह में, मेरी शाम में,

मेरी जिन्दगी, बन्दगी,ताजगी,

तुम मेरी खुशी मनप्रीत हो,

कैसे बताऊँ तुम्हें ....


मेरी कविता हो, गजल हो, छंद हो,

मेरी खुशी हो, दुख हो, दर्द हो,

मेरी राह की राजगीर हो,

मेरी सोच हो, पूजा हो, तड़प हो,

मेरी विश्वास हो, आस्था हो उलाहना हो, पूजा हो,


मेरी जीवन की संसार हो,

हर घड़ी मेरे दर्द को समझने वाली,

मेरी रात की अजनबी स्वपन हो,

मेरी दिन की सूरज हो तुम,

मेरी रात की चांद हो तुम,

मेरी भूख, प्यास, अन्तहीन यादों का सिलसिला हो तुम,

कैसे बताऊँ तुम्हें !


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