नावाकिफ ख्वाब
नावाकिफ ख्वाब
एक बेहतरीन सूरत जो हर पल मेरे ख्वाब में आए
उसे पहचानने का लाख प्रयत्न करूं मैं
परंतु फिर भी नहीं समझ पाती हूं
कि आखिर कौन हो तुम...?
अंधेरों में जो उजाला कर दे
क्या वो प्रकाश हो तुम?
या राहों में जो रोशनी भर दे
क्या वो आफ़ताब हो तुम?
या फिर जो सपनों में आए
मात्र नावाकिफ ख्वाब हो तुम?
या जो खुशबू की बयार ले आए
क्या वो महकता गुलज़ार हो तुम?
या जो बादल बरसात करा दे
उसकी ठंडी फुहार हो तुम?
या मेरे मन में उठने वाले.....
अतरंगी सवालों का जवाब हो तुम?
या जो मुश्किलों को आसान बना दे
उस फरिश्ते का अहसास हो तुम?
या ले जाए जो मंज़िल-ए-लक्ष्य तक
उस मंज़िल-ए-नींव की तलाश हो तुम?
छिपे हैं तुम्हारे चेहरे में कई राज
क्या वो नकाब हो तुम?
या छाया है महफ़िल में सबकी जुबां पर
वो हसीन अल्फ़ाज़ हो तुम?
अब सच-सच बताओ मुझको
आखिर कौन हो तुम?????