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JAYANTA TOPADAR

Romance

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JAYANTA TOPADAR

Romance

एतबार

एतबार

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यूँ धड़कता नहीं

दिल किसी का

बिन बताए...

पहले दिल-ए-नादान


निगाहों की बातें करता है...

फिर आखिर सारा आलम 

दिवानगी में डूब जाता है !


वैसे तो हर कोई

इस दिल को भाता नहीं ;

मगर दबे पांव

रफ्ता-रफ्ता शायराना अंदाज़ में

चाहत अपनी रंग लाती है...


कैसे न करे कोई

किसी का इंतज़ार...

जब इस दुनिया में रब

हर किसी की जोड़ी

ऊपर से लिखकर भेजता है !


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