STORYMIRROR

Rajeev Thepra

Romance Inspirational

3  

Rajeev Thepra

Romance Inspirational

तेरे हर्फ़

तेरे हर्फ़

1 min
27.6K


बदन के रोँओं से

लिपट-लिपट जाते हैं

तेरे हर्फ़,

रूह के झरोखों से

कनखियों से झाँकते हैं

तेरे हर्फ़

सारा दर्द खींच लेते हैं

पनियाते हुए

तेरे हर्फ़

सुकून से भर देते हैं

खिलखिलाते हुए

तेरे हर्फ़

कभी झुरमुट बन जाते हैं

साँझ से तेरे हर्फ़

कभी क्षितिज से बुलाते हैं

भोर से तेरे हर्फ़

कभी धूप में

आईना सा चमकाते हैं

तेरे हर्फ़

कभी खुद ही

आईना बन जाते हैं

तेरे हर्फ़

तेरे हर्फ़ मेरी जान हैं

तेरे हर्फ़ मेरी प्यास हैं

तेरे हर्फ़ों का तजुर्मा

ना भी करूँ तो

अर्थ समझाते हैं

तेरे हर्फ़

तेरे हर्फ़ का मैं क्या करूँ

तेरे हर्फ़ को सँभालूँ कहाँ

मैं जहाँ-जहाँ भी जाता हूँ

तेरे हर्फ़ पीछा करते वहाँ

मुझमें से तेरे हर्फ़

निकाल भी ले ए दोस्त

मुझको मेरे जीवन में ही

ज़रा जीने दे ए दोस्त !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance