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Rajeev Thepra

Inspirational

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Rajeev Thepra

Inspirational

ज़ख़्म

ज़ख़्म

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ज़ख़्म नियामत है

ज़ख़्म अमानत है 

ज़ख़्म से मुहब्बत है 

ज़ख़्म भी जीवन हैं

ज़ख़्म ताबीर है

ज़ख़्म तामीर है

ज़ख़्म की शिकायत तो 

इक बड़ी अदावत है

ज़ख़्म भी हँसते है 

ज़ख्मों को रोना क्यूँ 

ज़ख़्म इक परीक्षा है 

ज़ख्मों को खोना नहीं

ज़ख्मों को देखो ज़रा 

ज़ख़्म इक सीख भी है 

ज़ख्मों के दर्द में ही 

ख़ुशी की दावत है

ज़ख्मों से भागो न तुम 

हर नए मोड़ पर 

ज़ख़्म है और इक नया 

ज़ख़्म को जानो ज़रा 

जीना सीख जाओगे !!


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