लक्ष्य
लक्ष्य
जिस चीज की लगान हो इंसान में तो इंसान उसे पूरा करके रहता है।
जब ठान ले इंसान तो अपने हर ख़्वाब को हकीकत करके रहता है।
कभी जिंदगी की तकलीफें कभी परिवार की परेशानी इंसान को बड़ा रुलाती है।
लेकिन फिर भी वो अपने लक्ष्य को आसान करने में लगा रहता है।
"के पत्थर पर भी रास्ता बन जाएगा तू सही से कदम रखना तो सिख
कुछ नामुमकिन नहीं है दुनिया में बस तू खुद पर भरोसा करना तो सिख"
किताबों से मोहब्बत कभी लक्ष्य से दूर होने नहीं देती है।
और इंसान की मोहब्बत कभी लक्ष्य पूरा होने नहीं देता है।