STORYMIRROR

💫ᴀɪᴍᴀɴ ᴍᴏɪɴ ʀᴀᴢᴀ ɢʜᴏsɪ 👑

Inspirational

3  

💫ᴀɪᴍᴀɴ ᴍᴏɪɴ ʀᴀᴢᴀ ɢʜᴏsɪ 👑

Inspirational

✨️कोई साथ ✨️

✨️कोई साथ ✨️

1 min
182

रो कर खुद ही चुप जाती हूं।

क्योंकि जिंदगी भर कोई चुप कराने वाला साथ नहीं होता है।


गिर कर खुद ही उठ जाती हूं।

क्योंकि जिंदगी भर कोई उठाने वाला साथ नहीं होता है।


टूट कर खुद ही जुड़ जाती हूं।

क्योंकि जिंदगी भर कोई जोड़ने वाला साथ नहीं होता है।


 पहचान सबसे रखती हूं।

 लेकिन चलती हमेशा अकेले ही हूं।

 क्योंकि जिंदगी भर कोई साथ चलने वाला नहीं होता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational