दुनिया दारी
दुनिया दारी
सफलता के हुनर उन्हें आते हैं
दुनियादारी को जो जान जाते हैं
मतलब की तराजू पे तौल कर
नाते रिश्तों को वो निभाते हैं ।
झूठी मुस्कान सजाते हैं लबों पर
कातिल इरादों को जो छुपाते हैं
दोस्ती के ढोंग में गले लग कर
धोखे से पीठ में खंजर घुसाते हैं
"प्रेम" को कुचल देते हैं पैरों तले
दौलत को जो भगवान समझते हैं।
