मंजिल
मंजिल
काफी दूर चलना है तुझे ,
मुश्किलों से लड़ गुज़रना है तुझे ,
कई जगह ठहराव आएगा ,
मुश्किलों का बादल छायेगा,
उस बादल को छट जाने दे ,
उस रात को काट जाने दे ,
क्यूंकि
रुक गया तो हार है ,
उठ गया तो जय जय -कार है ,
तुझे अकेला चलना है क्यूंकि,
तेरे साथ कोई नहीं है
जहां आज तक किसी के कदम न पड़े ,
तेरी मंज़िल वहीं है ,
तेरी मंज़िल वहीं है ..
तेरी मंज़िल वहीं है।
