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Dev Saxena

Inspirational

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Dev Saxena

Inspirational

मंजिल

मंजिल

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काफी दूर चलना है तुझे , 

मुश्किलों से लड़ गुज़रना है तुझे , 


कई जगह ठहराव आएगा , 

मुश्किलों का बादल छायेगा, 


उस बादल को छट जाने दे , 

उस रात को काट जाने दे ,


क्यूंकि 


रुक गया तो हार है , 

उठ गया तो जय जय -कार है , 


तुझे अकेला चलना है क्यूंकि, 

तेरे साथ कोई नहीं है 


जहां आज तक किसी के कदम न पड़े , 

तेरी मंज़िल वहीं है , 

तेरी मंज़िल वहीं है ..

तेरी मंज़िल वहीं है।


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