जो शक करते थे कल तक, उन्होंने आज कांधों पर बैठा लिया। जो शक करते थे कल तक, उन्होंने आज कांधों पर बैठा लिया।
धरती भी कब आसमान से मिली है। धरती भी कब आसमान से मिली है।
हवा का झोंका यूँ तुझको सहलायेगा, माँ का आँचल तुझे याद आएगा। हवा का झोंका यूँ तुझको सहलायेगा, माँ का आँचल तुझे याद आएगा।
जरूरी नहीं के आँखों का देखा सच्चा ही हो ऐसे तो जमीन आसमान भी मिलते नजर आते है। जरूरी नहीं के आँखों का देखा सच्चा ही हो ऐसे तो जमीन आसमान भी मिलते नजर आत...
अगर ये जिह्वा रहे न वश में यही समझ लो मदन छलेगा अलग रखो तुम सदा फ़िकर को वरन तुम्हारा बदन गलेगा अगर ये जिह्वा रहे न वश में यही समझ लो मदन छलेगा अलग रखो तुम सदा फ़िकर को वरन त...
पीपल का पेड़ भीटे पर बरगद उधर नीम , महुआ आम के बाग संगीतमय सुबह सुरमयी शाम पीपल का पेड़ भीटे पर बरगद उधर नीम , महुआ आम के बाग संगीतमय सुबह सुरमयी शाम