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Rominder Thethi

Others

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Rominder Thethi

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रिश्ते

रिश्ते

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चलो उलझे हुये रिश्तों को सुलझाते हैं ।

कुछ तुम भुला दो कुछ हम भुलाते हैं ।


ये फासले यूँ तो खत्म ना होंगे

कुछ कदम तुम चल आयो कुछ हम बढ़ाते हैं।


तुम मुझे मैं तुम्हें ना भाऊँगा

जब तक नफ़रत की दीवारें हैं

कुछ तुम गिरा दो कुछ हम गिराते हैं ।


जरूरी नहीं के आँखों का देखा सच्चा ही हो

ऐसे तो जमीन आसमान भी

मिलते नजर आते है।


आयो नफरतों के अंधेरों को

मुहब्बत के उजालों से जगमगा दें

तुम हवायों से बचाना हम चिराग़ जलाते हैं।


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