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Rominder Thethi

Tragedy

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Rominder Thethi

Tragedy

समझोते

समझोते

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बड़े समझोते किए ज़िन्दगी तेरे लिए 

आज खुल कर जीने को मन करता है 

जिम्मेदारियों के पिंजरे में कैद हूं मुद्दत से 

आज खुले आसमां में उड़ने को मन करता है 

मैंने दिल की सुनी ना कहीं किसी से कभी 

आज दीवारों से दिल की बात कहने को मन करता है 

ग़म दिल में छुपा यूं ही मुस्कराया नहीं जाता अब

कहीं तन्हा बैठ आंखों में अश्क भरने को मन करता है 

मेरी रुसवा मुहब्बत का घर है जहां 

आज फिर उस गली में गुजरने को मन करता है 


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