तेरा मेरा प्यार
तेरा मेरा प्यार


वो तुम्हारी गर्म साँसों का मेरे गालों को छू जाना,
और तुम्हारा मेरे कानों में मेरा ही नाम बुदबुदाना।
तेरे-मेरे गलती से टकराते हाथों की वो पाक छुअन,
वो तेरा मुझे देखकर गुलाब के इत्र सा महक जाना।
तेरा कनखियों से मुझे बार-बार ताकते ही रहना
और बिन बोले ही, नज़रों से मेरी तारीफें करना।
वह तेरा समंदर किनारे मेरा नाम लिखते जाना
और उसे मिटने से बचाने को लहरों से लड़ जाना।
वो काँटो में उलझकर भी मेरा पसंदीदा फूल तोड़ना,
लड़खड़ाती जुबां से अपने इश्क का इजहार करना।
अपनी हथेली पर मेरा नाम लिख, मुझसे ही छिपाना।
मेरी शादी में छिपकर मुझे देखना और आँसू बहाना,
वो हमारी मासूम मोहब्बत का मुकम्मल ना हो पाना।
ताउम्र याद रहेंगे वो लम्हे,शायद यही था नसीब हमारा।
मेरे महबूब! बस इतनी सी ही गुज़ारिश है तुमसे मेरी,
तुम अगले जन्म में इज़हार-ए-मोहब्बत ज़रूर करना,
चाहे दुनिया बन जाए दुश्मन, तुम किसी से न डरना।
मेरे जीवन साथी बनकर देना सच्चे इश्क का नजराना।
याद रहेगी आशिकों को हमारी आशिकी की दास्तां,
चाहे भूल जाए ये सारा जमाना।