दीवारों सी औरतें
दीवारों सी औरतें
सदियों की सड़ी-गली सोच की फफूँद से सीली सी ये दीवारें।
परंपराओं के नाम पर कुत्सित मानसिकता की कील से छिदी दीवारें।
अपने अहंकार और क्रोध की हथौड़ी से घायल की गई दीवारें।
दुनिया को रंगीनियत दिखाने के लिए बाहर से रंगी पुती दीवारें।
अपने तथाकथित मालिक की थकान को पीने और चुप रहने की आदी दीवारें।
अपनी अंदरूनी दीवारों दरारों को छिपाने की नाकाम कोशिश करती कमजोर दीवारें।
कोई तो इन पर इंसानियत का थोड़ा सा सीमेंट लगाओ।
सामाजिक समानता का मुलम्मा चढ़कर, रंग-रोगन कराओ।
हो सकता है अगली सदी में मजबूती से खड़ी हों ये खस्ता हाल दीवारें,
और इन दीवारों जैसी कमजोर बना दी गईं दुनिया भर की औरतें।