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Ritu Agrawal

Abstract Action Inspirational

4  

Ritu Agrawal

Abstract Action Inspirational

मेरे घर की तुलसी

मेरे घर की तुलसी

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मेरे घर की तुलसी माँ जैसी है ,

जो मौन रहकर कर्म साधना में लीन रहती है।

मेरे घर की तुलसी पिता जैसी है,

जो हर मौसम सहकर घर को सुवासित बनाती है 

मेरे घर की तुलसी, बिटिया जैसी है

जो बिना खाद और देखभाल के हरिया जाती है। 

मेरे घर की तुलसी, बेटे जैसी है,

जो परिवार को हरा भरा आनंदमयी बनाती है।

मेरे घर की तुलसी वैद्य जैसी है

जो बीमारियों का घरेलू इलाज कर जाती है।

मेरे घर की तुलसी गुरु जैसी है

जो संतोषी जीवन जीने की कला सिखाती है।

मेरे घर की तुलसी ब्राह्मण जैसी है जो

ईश्वर की भक्ति के मार्ग की ओर जाती है।

मेरे घर की तुलसी एक बुजुर्ग जैसी है,

जो अपने आँचल तले सुकून के दो पल दे जाती है। 

मेरे घर की तुलसी मुझ जैसी है,

जो वक्त की धारा संग बहती, पल्लवित होती जाती है।



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