लम्हें प्यार के.....
लम्हें प्यार के.....
वो पहला प्यार जिसमें खुशियां अपार
दिल चाहता है जाना सात समंदर पार
दिल हो जाता है हर बार बेकरार
तरसती निगाहें चाहती दीदार-ए-यार
हां वो है पहला-पहला प्यार
जिसके हर लम्हें को जीना चाहे बेशुमार
इश्क़,मोहब्बत, प्यार किताबों की बातें
जब बन जाये हकीकत छेड़े दिल के तार
हर लम्हा, हर पल बस याद आये यार
उसकी मोहब्बत भरी निगाहें बस देखे मुझें
शरमा के लिपट जाउं मैं उसके आग़ोश में
दुनियां भर की जागीर भी कम लगे
उसका गले मिलना हर ग़म का मरहम लगे
ताकत वो मेरी वही कमजोरी भी है
उसका होना बहुत जरूरी भी है
बस जी लेना चाहती हूं मैं वो हर लम्हा
जिसमें हो प्यार सिर्फ प्यार बेशुमार.....