महादेव
महादेव
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हे
महादेव
बाघाम्बरधारी
अनन्त, अविनाशी
भोलेनाथ, त्रिपुरारी
कष्ट हरो हे नीलकंठ
सुनो विनती अब हमारी
चरण, शरण हम आये बाबा
हर लो अब हमारी विपदा सारी
तुम्ही आदि-अंत,अंनत घट-घट वासी
तुम ही आदियोगी, योगेश्वर, औघड़दानी
मनचाहा वरदान सहज ही देते काशीवासी
सर्प गले में करके धारण कष्टों का करे निवारण
जटा से बहती गंग की धारा, अर्धचंद्रमा धरे शीश
हे उमापति, महेश्वर, शिव शम्भु, गौरीशंकर, गौरीश
कृपा करो हे नन्दीश्वर, पिनाकधारी, शिव शंकर
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय