STORYMIRROR

Amita Mishra

Inspirational

4  

Amita Mishra

Inspirational

योगेश्वर कृष्ण

योगेश्वर कृष्ण

1 min
384

हे कृष्ण ! ये दुनिया तुझे समझ ही नहीं पायी

और समझती भी कैसे क्योंकि कृष्ण को सिर्फ कृष्ण ही समझ सकता है

इस ब्रह्मांड में तुम सा कोई नहीं

तुम मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं हो पर हर क्षण

मर्यादा का पालन किया है

तुम योगेश्वर हो इस बात का प्रमाण दिया है

तुम्हारी बाल लीला सभी का मन मोह लेती है

हर बालक में तुम ही नजर आते हो

बालपन से तुमने कितनी विपदा सही

कारा गृह में जन्म फिर माता पिता से दूर होना पड़ा

फिर भी तुम सदैव मुस्कुराते रहे

ना जाने कितने असुरों का अंत किया मात्र उन्हें मुक्ति देने के उद्देश्य से

हर नारी का मान किया उन्हें उचित स्थान दिया

द्वारिकाधीश बने पर अहंकार नहीं किया

सभी के दुख तकलीफ को तुमने अपनाया

फिर भी तुम अपनो के क्रोध के भागीदार बने

वो भी तुमने सहर्ष स्वीकार किया

सुदामा से सच्ची मित्रता निभाई

राधा, रुक्मिणी से प्रेम का वचन निभाया

 धर्म अधर्म के युद्ध में तुमने धर्म का साथ दिया 

और धर्म की जीत निश्चित की

गांधारी के श्राप को भी हँसते हँसते अपने सिर लिया

दुनिया सके तुम जीत गए पर अपनो से हार गए

हे कृष्ण तुम सा कोई नहीं होगा इस धरा पे

जो इतने संघर्ष के बाद भी मुस्काता 

पर तुम योगी हो योग योगेश्वर हो

सच मेरे कान्हा! तुम सा कोई नहीं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational