माना की हम 60 पार हो गए
माना की हम 60 पार हो गए
माना कि हम 60 पार हो गए
सीनियर सिटीजन बन तैयार हो गए....
पर नही चाहिए बेबसी, लाचारी
खुशियों के लिए हम तैयार हो गए...
ग़म में रहना मंजूर नही अब
किसी के चाहत की नही तलब
ना चिंता ना फिकर हमें है
हम बेबाक, बिंदास हो गए...
माना जिम्मेदारी हम पर भारी है
जिम्मेदारी संग खुश होने तैयार हो गए...
अनुभव सांझा जीवन का करते
हर मुश्किल से कैसे लड़ते
उम्र का हर पड़ाव पार कर हम
वट वृक्ष सा तैयार हो गए......
बोझ ना समझो हमकों तुम
आशीर्वाद हमारा ले लो
दिन दुना रात चौगुना कर लो
दुआ देने हम तैयार हो गए.....
अंतिम मोड़ ये जीवन का है
लगता कुछ भारी सा है
फिर भी हम हार ना माने
परिवार में बहार बन तैयार हो गए....
नाती पोता संग हम बचपन जीते
फिर बच्चें बन जाते है
बालों की सफेदी पर हम इतराते है
मन जवां और दिल बच्चा है
बचपन जीने हम फिर से तैयार हो गए....
तिनका तिनका जोड़ा हमनें
बनाया आशियां अपना
आजकल का जीवन देखो
जिसका हाथ पकड़ स्कूल भेजा
वो हमें वृद्धआश्रम भेजने तैयार हो गए....
उम्र बेबसी का है माना
पर नही रहना बेबस ये जाना
जो सपने रह गए अधूरे
करने है अब उनको पूरे
अपने शौक को पूरा करने हम तैयार हो गए....