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Amita Mishra

Drama Inspirational

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Amita Mishra

Drama Inspirational

विनती सुनो कान्हा

विनती सुनो कान्हा

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सुनो विनती मेरी कान्हा बुलाऊँ जब चले आना

ना करना देर तुम भगवान चले आना चले आना


किया विश्वास तुझपर है इसे ना तोड़ना गिरधर

मन के मोती जो जोड़े है इसे ना तोड़ना गिरधर


मन मंदिर में मूरत है वो मूरत ही तुम्हारी है

मेरे मन में बसे हो तुम मुख ना मोड़ना मोहन


लगे दुनिया पराई सी तुम लगते अपने हो 

अपनापन दिखाकर मुझे ना छोड़ना मोहन


भला क्या है बुरा क्या है नहीं मालूम है मुझको

बुराई से बचाकर तुम भले रास्ते से जोड़ना मोहन

सांसों की डोर

सांसों को डोर बहुत कमजोर

थामें रहना तू चितचोर …

है रात अभी बाकी होने को है अभी भोर

उलझी – उलझी है सांसे धुंधली-धुंधली सी राहे

पकड़कर हाथ मेरा पहुँचाना मुझे उस ओर

सांसों को डोर बहुत कमजोर

थामें रहना तू चितचोर …



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