हमसफ़र
हमसफ़र
मेरे हमसफ़र तेरे साथ ही तो जुड़ा है मेरा ये मन,
सुनो ना कैसे कहूं किस कदर है तुम से प्यार ,
जी तो रही हूं पर नहीं हैं सांसों पर एतबार,
एक बार ही सही कह तो दो अपने दिल कि बात,
यूं रोज़ रोज़ नहीं कहूंगी मैं अपने दिल की बात ,
तुमसे ही तो जुड़ा है मेरा मन ........
तुम मेरे सपनों कि किताब हो
रोज रोज तुमको ही पढ़ना चाहती हूं मैं हर बार,
सुनो प्रिय करो मेरा एतबार,
हर बात पर बात मनवाऊंगी ,
कई ज़िद भी पूरा तुमसे ही करवाऊंगी,
रहो तुम सदा मेरे आस पास,
जीवन से जुड़े वो तार हो तुम ,
मेरे जीवन की एक पतवार हो तुम,
जुड़े हैं हम दोनों एक ऐसे अनमोल रिश्ते से,
कि तुम हो आधार मेरा और जीवन हो तुम।