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Kamlesh Ahuja

Abstract

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Kamlesh Ahuja

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तू भी आजा प्रिय होली में

तू भी आजा प्रिय होली में

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फागुन का महीना आया,

तू भी आजा प्रिय होली में।


कोरी कोरी मोरी चुनरिया,

रंग जा आकर होली में।


लाल, गुलाबी, नीला, हरा,

देखे बहुत से रंग होली में।


तू जो छू ले इक बार प्यार से, 

खिल जाए हर अंग होली में।


अब न शरमाऊँगी, न घबराऊँगी,

 रंग में तेरे रंग जाऊंगी होली में।


तेरा साथ है तो फिर प्यारा लगे,

जीवन का हर रंग होली में।


तू ही जीवन मेरा, तेरे ही संग रहना,

होली सदा के लिए, तेरी मैं होली में।


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