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Kamlesh Ahuja

Abstract

5.0  

Kamlesh Ahuja

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अबके होली ऐसे मनाएं

अबके होली ऐसे मनाएं

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होली के इस पावन पर्व पर,

आओ मिलकर यह प्रण करें।

गरिमा बनी रहे पर्व की,

ऐसा यत्न करें।


अच्छाइयों को अपनाकर,

बुराइयों का दहन करें।

अर्थ को ना व्यर्थ करें,

होली की आड़ में,

ना कोई अनर्थ करें।


जीवन की इस पिचकारी में,

भर के रंग प्रेम का।

रंग दे ऐसे बैरी को भी,

मिटे बैर जन्मों का।


प्रेम के रंगो से,

सुशोभित हर तन रहे।

खुशियाँ चहुँ ओर हो,

व्यथित कोई न मन रहे।


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