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Kamlesh Ahuja

Romance

4  

Kamlesh Ahuja

Romance

बुढ़ापे का रोमांस

बुढ़ापे का रोमांस

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बुढ़ापे में रूमानी हो गए इक दिन बूढ़े मियां,

बोले अपनी डोकरी से,सिनेमा चलोगी क्या छमिया।

शर्माते हुए वो बोली,मुँह में दाँत न पेट में आँत,

लाज नहीं आती तुम्हें,करते हुए ऐसी बतियां।

खाँसते हुए डोकर बोले,आँत दाँत का क्या काम,

जब धड़क रहा हो दिल,सीने में सजनिया।

मुस्कुराकर डोकरी बोली,सिनेमा देखते-देखते,

बंद हो गई जो धड़कन,तो क्या होगा पिया,

तुम्हारे पहलू में गर मरे,तो वो मौत भी हसीन होगी,

फिल्मी अंदाज में गाना गाकर,अब तो हीरो बन गए बूढ़े मियां।


#SMboss



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