माँ
माँ
माँ के कदमों से बढ़कर कोई जन्नत नहीं,
साथ रहे ममता का इससे बड़ी मन्नत नहीं।
सुबह से शाम खटती रहती बच्चों के लिए,
एक पल को भी मिलती इसे फुरसत नहीं।
हो कितनी भी बोझिल ये दुख तकलीफ से,
लबों पे रहती इसके कोई शिकायत नहीं।
माँगती रहती दुआएँ अपने परिवार के लिए,
अपने लिए कुछ माँगना इसकी आदत नहीं।
सेवा करो अपनी माँ की,खुश रखो इसे 'कमल'
इससे बड़ी शायद कोई और इबादत नहीं।
