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Kamlesh Ahuja

Inspirational

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Kamlesh Ahuja

Inspirational

धरती की गोद में

धरती की गोद में

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जिस धरती की गोद में पल कर,

हर इंसान यहाँ बड़ा हुआ।

उसी गोद को ही उजाड़ने में,

देखो आज ये इंसान तुला हुआ।


काट-काटकर पेड़ों को वन से,

छलनी धरती का सीना किया।

मैला करके पवित्र नदियों को,

पर्यावरण को प्रदूषित किया।


खफा है धरती अपने बच्चों से, इसलिए

प्राकृतिक आपदाओं का कहर ढा रही।

रहना है यदि मेरी गोद में तुम सबको, तो

कुपुत्र नहीं सुपुत्र बनो ये समझा रही।

 



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