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Kamlesh Ahuja

Inspirational

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Kamlesh Ahuja

Inspirational

फाल्गुन

फाल्गुन

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फाल्गुन की बदली छा गई,

रंगों उमंगों की फुहार लेकर,

देखो फिर से होली आ गई।

सभी पिचकारी में भर के रंग,

हो लेंगे अपनों के संग।

हाथों में भरकर गुलाल,

खूब करेंगे जमकर धमाल।

फिर होगी वही धन की हानि,

नहीं करेगा कोई मलाल।


अपनों तक ही सब सीमित रहते,

नहीं जानते पीर पराई।

सुख दुख बांटे इक दूजे का,

इसलिए त्योहारों की रीत बनाई।

धन का यूँ व्यय न करके,

थोड़ी सी हम बचत करें।

होली के इस पावन पर्व पर,

दीन दुखियों की मदद करें।

क्योंकि बंधुओं के लिए यदि बंधुत्व नहीं,

फिर ऐसे त्योहारों का कोई महत्व नहीं।



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