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Kamlesh Ahuja

Inspirational

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Kamlesh Ahuja

Inspirational

किसान

किसान

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किसान जब भी खेतों में बीज बोता है,

अच्छी फसल होने का सपना सँजोता है।


देखकर आसमान में बादलों के झुंड को,

मन आशा से उसका प्रफुलित होता है।


पर बिन बरसे जब लौट जाते हैं बादल,

निराशा से मन उसका व्यथित होता है।


सूखे की मार को जब वह झेल नहीं पाता,

तो आत्महत्या करने को मजबूर होता है।


खटता है सबके वास्ते, जो अन्न जुटाने को,

क्यों वही दाने दाने को मोहताज होता है।


क्यों नहीं मिलती उसे उसकी खुशियाँ,

क्यों हर बार वो गमों से बेजार होता है।


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