क्यों नहीं मिलती उसे उसकी खुशियाँ, क्यों हर बार वो गमों से बेजार होता है। क्यों नहीं मिलती उसे उसकी खुशियाँ, क्यों हर बार वो गमों से बेजार होता है।
नाराजगी फिर एक बार रिश्तों से हार गई पोता सेतु बना हर बार सुलह बार बार हुई।। नाराजगी फिर एक बार रिश्तों से हार गई पोता सेतु बना हर बार सुलह बार बार...