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Amar Tripathi

Inspirational

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Amar Tripathi

Inspirational

मैं नाव पे सवार हूँ

मैं नाव पे सवार हूँ

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मैं नाव पे सवार हूँ, 

मुश्किलों का अंबार हूं,

 मुश्किलों से क्या डरना

मैं खुद कहर हज़ार हूँ

मैं नाव पे सवार हूँ ।

दिन रात से परे,

मशाल आँख में भरे,

मैं लड़ रहा हूं रातों से

हाथ में मशाल लिए 

सूरज अगर साथ नहीं

मायूस होने की बात नहीं ,

वो शाम होते ढल जाएगा

रातों से वह डर जायेगा ।

मैं जुगनुओं का यार हूँ,

मैं नाव पे सवार हूं

मैं जिंदगी की जंग हूं,

हर कदम पर तेरे संग हूं,

गम के अंधियारे में,

रातों के साये में

साथ तेरे चलता हूं,

सपनों का ख्वाब हूं

मैं नाव पर सवार हूं।।



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