STORYMIRROR

Goldi Mishra

Inspirational

4  

Goldi Mishra

Inspirational

वो मसीहा

वो मसीहा

1 min
255

हमारे गांव में एक वैद्य रहा करते थे,

पनी बूटियों और दवाइयों के लिए वे जाने जाते थे।

कोई भी मुसीबत हो,

चाहे रोग कोई भी हो,

वे झट से उपचार बताते थे,

रोग को जड़ से निपटाते थे।


हमारे गांव में एक वैद्य रहा करते थे,

अपनी बूटियों और दवाइयों के लिए वे जाने जाते थे।

वे काफी वृद्ध थे,

गांव की सेवा में अपने कई साल बीता चुके थे,

अब आंखे कमज़ोर हो चुकी थी,

उनकी सांसे भी ढीली होने लगी थी।


हमारे गांव में एक वैद्य रहा करते थे,

अपनी बूटियों और दवाइयों के लिए वे जाने जाते थे।

एक रोज़ गांव में महामारी ने कदम रखा था,

हर कोई हिम्मत हार चुका था,

तब बूढ़े वैद्य जी सबके लिए मसीहा बन कर आए थे,

अंधेरी सी गली में एक उजाला बन कर आया थे।।

हमारे गांव में एक वैद्य रहा करते थे,

अपनी बूटियों और दवाइयों के लिए वे जाने जाते थे।

वो एक टूटी झोपड़ी में रहते थे,

अपनी घनिष्ट विद्या को समेटे वे गांव एक कोने में रहते थे,

वे सबके मसीहा थे,

पर अब वो अपनी परिस्थितियों से हार चुके थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational