आत्मनिरीक्षण
आत्मनिरीक्षण
स्वयं की असुधयों पर विजय
दुनिया पर विजय के बराबर है।
सभी जानवरों में एक या दूसरे
दुष्परिणाम होते हैं,
लेकिन मनुष्य एक जटिल जानवर है।
उसके पास कई बुरे लक्षण हैं।
अपने दोषों को स्वतंत्र रूप से स्वीकार करें।
जब आप सभी बुरे लक्षणों से मुक्त हो जाएंगे,
तो समाधि अपने आप आ जाएगी।
योग और ध्यान के दबाव में मन में
तरह-तरह की अशुद्धियाँ बाहर निकलती हैं,
ठीक वैसे ही जैसे छः महीने से
बंद कमरे की गंदगी।
समस्त लोगों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए
और अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए।
