रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
प्रेम और पवित्र संबंधों के दायरे में,
स्नेह का बंधन आसमान तक पहुंचता है।
शक्ति और भक्ति का त्योहार,
रक्षा बंधन, एक हार्दिक भावना।
खून और आत्मा से जुड़े भाई-बहन,
इस उत्सव में उनकी आत्माएं प्रकट होती हैं।
एक बहन का प्यार, एक भाई का आलिंगन,
समय और अनुग्रह से बुना गया एक संबंध।
इस दिन बांधा जाता है धागा
उस बंधन का प्रतीक जो विभाजित नहीं होगा।
एक बहन की प्रार्थना, एक भाई की मन्नत,
सुरक्षा और संजोने के लिए, यहीं और अभी।
प्यार का धागा, नाजुक फिर भी मजबूत,
एक वादा जो दिन ख़राब होने पर भी कायम रहता है।
खुशियों और आँसुओं के माध्यम से, हाथ में हाथ डाले,
वे मिलकर बहादुरी से सामना करते हैं।
यादें बुनी हुई, प्राचीन टेपेस्ट्री की तरह,
साझा इतिहास की फुसफुसाती कहानियाँ।
बचपन की कहानियों से लेकर बड़े सपनों तक,
उनका बंधन प्रेम की कोमल धाराओं से पोषित हुआ।
भाइयों, अभिभावक, साहसी और सच्चे,
बहनें, पालन-पोषण करने वाली, हर समय देखभाल करने वाली।
एक दूसरे की मौजूदगी में उन्हें सांत्वना मिलती है,
जीवन की कठिन दौड़ में एक आरामदायक आश्रय।
रक्षा बंधन, एक गहन उत्सव,
एक ऐसा त्यौहार जहां प्यार और सुरक्षा प्रचुर मात्रा में होती है।
एक धागा जो दिलों को हमेशा के लिए बांध देता है,
एक ऐसा बंधन जो प्यार के मूल में ही मजबूत होता है।
तो बांध लिया जाए पवित्र धागा,
इस उत्सव में, दिलों को साथ रहने दो।
भाई-बहनों के लिए, प्यार और उत्साह का दिन,
रक्षा बंधन, शाश्वत और ईमानदार।