बढ़ा ही चल
बढ़ा ही चल
कदम बढ़ा और बढ़ा ही चल
सपने को अपने लेकर बढ़ा ही चल.
अंधेरे ने दिन ना होने दिया कभी देखा है
संयम बना आत्मविश्वास रख, बढ़ा ही चल
शायद सफर तेरे हिसाब से ना चल रहा हो
पयारे, खुद रास्ता बना और बढ़ा ही चल,
खुशी और गम जिंदगी का नाम है
मुस्कुराए जा और बढ़ा ही चल
दुनिया की टेंशन को साइड में रखा
आल इज वेल कह और बढ़ा 'चल,
दुनिया के लोग बुरा और भला कहते है
शुक्र कर कुछ तो कहा, और बढ़ा ही चल,
रोटी की तलाश में घर छोड़ दिया तुमने
घर का चिराग बन, और बढ़ा ही चल,
साकी की निगाहों से पीना है गर तुझे
मयखाने की तरफ बढ़ और बढ़ा ही चल
आयेगा वो वक्त भी जिसका इंतजार है
हौसला रख, कदम बढ़ा और बढ़ा ही चल,
करते है वो पीठ पीछे साजिशो की बात
ऐसे वैसे को मुंह ना लगा, और बढ़ा ही चल
मां बाप भाई बहन, दोस्त है तेरे पास
खुदा का शुक्र कर और बढ़ा ही चल।
