Amar Tripathi is Indian Authors & Spoke person of BJP in UP. His father is Shambhu Shran Tripathi and Month name Shakuntla Tripathi, he is from Lucknow his home district is Siddharth Nagar UP
हिंदी हमारी अमृतवाणी का शुभ वरदान है। हिंदी हमारी अमृतवाणी का शुभ वरदान है।
अपने सपने छोड़ अधूरे, बच्चों के सपने लिए अब जीता हूं। अपने सपने छोड़ अधूरे, बच्चों के सपने लिए अब जीता हूं।
तुम्हारी मोहब्बत को अनसुलझी पहेली समझ, तुम्हारी मोहब्बत को अनसुलझी पहेली समझ,
जिंदगी यूं खत्म हो जाएगी, मुझे क्या पता था। जिंदगी यूं खत्म हो जाएगी, मुझे क्या पता था।
जब भी किसी से कहने की कोशिश की, मगर हिम्मत न जुटा पाया। जब भी किसी से कहने की कोशिश की, मगर हिम्मत न जुटा पाया।
तोड़ देगा ओ गरूर मेरा मुझे क्या पता था । जिस जहर को पानी की तरह पीता रहा। तोड़ देगा ओ गरूर मेरा मुझे क्या पता था । जिस जहर को पानी की तरह पीता रहा।
प्यासे प्राण पूछते मेरे, ओ परदेशी कब हो आना। प्यासे प्राण पूछते मेरे, ओ परदेशी कब हो आना।
उस दिन मगरूर लोगों का चेहरा बेनकाब हो जाएगा। उस दिन मगरूर लोगों का चेहरा बेनकाब हो जाएगा।
कल तक जो मुझसे नफरत किया करते थे, आज वो मोहब्बत के आंचल बिछा के बैठे हैं। कल तक जो मुझसे नफरत किया करते थे, आज वो मोहब्बत के आंचल बिछा के बैठे हैं।
जीवन के रास्ते में कठिनाइयां देख रोया हूं ज़ोर ज़ोर से, जीवन के रास्ते में कठिनाइयां देख रोया हूं ज़ोर ज़ोर से,