STORYMIRROR

Amar Tripathi

Fantasy Inspirational

4  

Amar Tripathi

Fantasy Inspirational

Amar Tripathi Author (Kavita

Amar Tripathi Author (Kavita

1 min
336


पिता होने का एहसास - 

है जिम्मेदारियों का एहसास बस इतना

कि बस मैं भूखे प्यासे घंटों से बैठा हूं,

अपने भविष्य की चिंता अब किसको,

अब तो बच्चों के खातिर जीता हूं,

अपने सपने छोड़ अधूरे,

बच्चों के सपने लिए अब जीता हूं।

जबसे पिता होने का एहसास हुआ है,

तब से अपने पिता के सम्मान के लिए जीने लगा हूं।

पिता के हर सलाह को मानने लगा हूं ,

हर तजुर्बे का सम्मान करने लगा हूं।

क्योंकि अब पिता के जिम्मेदारियों का एहसास करने लगा हूं।

कल तक जिस पिता के ख्यालात पुराने लगते थे,

पहनावे अजीब से लगते थे, 

बातों की बोली कड़वी लगती थी।

आज वही आदर्श बने हैं,

क्योंकि अब पिता के जिम्मेदारियों के एहसास होने लगे हैं।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy