Shailaja Bhattad
Abstract Fantasy
पुष्प सुगंध
प्रकृति के रंग में
चार चांद है।
मधुर तान
कोयल ने छेड़ी है।
वसंत जान।
होली है
फूलों की होली
कान्हा होली म...
होली
अध्यात्म की य...
वसंत
प्रोत्साहन
उत्सव प्रभु र...
राम धुन अनमोल...
श्रीराम जय रा...
किस्मत यदि साथ में किसी के होगी ही नहीं। व्यर्थ सा ही तब जीवन का हर एक रास है।। किस्मत यदि साथ में किसी के होगी ही नहीं। व्यर्थ सा ही तब जीवन का हर एक रास है...
अब नहीं बाकी रही ,जान इस ज़िस्म में , फिर भी तेरे दीदार की तलब ,बाकी है इस ज़िस्म में। अब नहीं बाकी रही ,जान इस ज़िस्म में , फिर भी तेरे दीदार की तलब ,बाकी है इस ज़िस्म...
पहले प्यार को सब पूजा और सम्मान करते थे और आज प्यार को लोग सब बदनाम करते हैं। पहले प्यार को सब पूजा और सम्मान करते थे और आज प्यार को लोग सब बदनाम करते हैं...
अभी इस पल जो गरज रहे थे किसी पर तुम बेधड़क - उसी पर वक्त दोगे तो कुछ और काम दिखेंगे । अभी इस पल जो गरज रहे थे किसी पर तुम बेधड़क - उसी पर वक्त दोगे तो कुछ और काम द...
यार मुझे समझ नहीं आता मेरे जाने की तुम्हें इतनी जल्दी क्यों हैं। यार मुझे समझ नहीं आता मेरे जाने की तुम्हें इतनी जल्दी क्यों हैं।
वक्त के आईने में निहार लूँ कुछ देर अपना किरदार, वक्त के आईने में निहार लूँ कुछ देर अपना किरदार,
गौरी शंकर सी हो जोड़ी हमारी और सात जन्म मिले एक दूजे का साथ, गौरी शंकर सी हो जोड़ी हमारी और सात जन्म मिले एक दूजे का साथ,
आए थे दुनिया में जब तो ज़ेहन बिल्कुल पाक था आए थे दुनिया में जब तो ज़ेहन बिल्कुल पाक था
हर तरफ फैला समंदर और सन्नाटा पसरता प्यासे बेचैन मन को जल की कमी खलती रही। हर तरफ फैला समंदर और सन्नाटा पसरता प्यासे बेचैन मन को जल की कमी खलती रही।
मुझे इंसान बने रहना राम नहीँ बनना है मुझे। मुझे इंसान बने रहना राम नहीँ बनना है मुझे।
यूँ कामना के कानन के वृक्ष सूख गए अनावृष्टि से यूँ कामना के कानन के वृक्ष सूख गए अनावृष्टि से
सभी सिद्धियों वाली माता का जो भी पूजन करे विधि -विधान। सभी सिद्धियों वाली माता का जो भी पूजन करे विधि -विधान।
जलता रावण फिर गरजा , बिन बदली वह बरसा , जलता रावण फिर गरजा , बिन बदली वह बरसा ,
जिसके साथ हो प्रेम का सागर सारे जहां से प्यार मेरा अपना जहां जिसके साथ हो प्रेम का सागर सारे जहां से प्यार मेरा अपना जहां
माना कि बड़ा कटु अनुभव है तुम्हारा अपने और अपनों के साथ, माना कि बड़ा कटु अनुभव है तुम्हारा अपने और अपनों के साथ,
विज्ञापन भ्रम फैलाते शोर मचाते चमचे, जन-जन की पीड़ा को ठहराते हैं मौज। विज्ञापन भ्रम फैलाते शोर मचाते चमचे, जन-जन की पीड़ा को ठहराते हैं मौज।
इस तरह से आपकी यादों में उलझे हैं। इस तरह से आपकी यादों में उलझे हैं।
शतरंज जानते हैं यह अच्छी सी बात है मुहरों सा मुझको यूं ही इस्तेमाल ना कीजिए शतरंज जानते हैं यह अच्छी सी बात है मुहरों सा मुझको यूं ही इस्तेमाल ना क...
दूसरों के दोष ढूंढने में गुजर जाती है उम्र दूसरों के दोष ढूंढने में गुजर जाती है उम्र
जिस समाज से हम आते अब उसकी सेवा करनी है। जिस समाज से हम आते अब उसकी सेवा करनी है।