STORYMIRROR

Ayush Kaushik

Romance Fantasy

3  

Ayush Kaushik

Romance Fantasy

इतना कुछ

इतना कुछ

1 min
280

जैसे सागर चाँद से पूर्णिमा की रात को कहता

सब कुछ है, इतना कुछ कहना है मुझको

जैसे गर्मी की धूप में बर्फ पिघलती चट्टानों से

घंटों करती है बातें, इतना कुछ कहना है मुझको


जैसे उमस भरी रात में एक झोंका हवा का

कहता है बातें, इतना कुछ कहना है मुझको

जैसे सुबह के सन्नाटे को चूम के सूरज की

किरणें करती है बातें, इतना कुछ कहना है मझको


जैसे किसी मासूम से एक बर्फ का गोला

करता है बातें कितनी, इतना कुछ कहना है मुझको

जैसे कोई मुस्कान करती है रूठे मन से

कितनी बातें, इतना कुछ कहना है मुझको

इतना कुछ कहना है मुझको।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance