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Ayush Kaushik

Abstract Horror Tragedy

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Ayush Kaushik

Abstract Horror Tragedy

मुर्दो का शहर

मुर्दो का शहर

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ये मुर्दो का शहर है,

यहाँ चुप रहना मुझे चारो पहर है।

मुर्दो के जैसे चलते हैं,

मुर्दो के जैसे मिलते हैं।


यहाँ बात न होती कोई नई,

बस बाते होती कंकालों जैसी।

ये मुर्दो का शहर है।

सोचना भी गुनाह जहाँ,

बस मुर्दो के जैसे वफादार यहाँ।


कुछ कहना मानो ग्रहण लग जाना,

केवल सुनना मुर्दो के जैसे देता लाभ यहाँ।

ये मुर्दो का शहर है,

यहाँ चुप रहना मुझे चारो पहर है।


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