हर रोज़ हर वक्त आँसू
हर रोज़ हर वक्त आँसू


हर रोज़ हर वक्त आँसू पिया करें,
तू ही बता ज़िंदगी, तेरे बिन और कैसे जिया करें।
हो पास मेरे समंदर भी तो क्या !
इससे भी गहरा तेरा गम, हम रोज़ घुट -२ पिया करें।
हर रोज़ होता है बेकरार दिल मेरा ,
तू कहां खो गया है, ये लम्हे ख्वाबों को भी धुंधला करें।
मैं चल रहा हूँ तेरे क़दमों के निशान पर ,
चाहता हूँ तुझे हर मोड़ पर, ये परछाई भी घटा जुदा करें।
हर तमन्ना आज खफा सी लगती है यहाँ
तेरे दीदार को नैन तरसे मेरे, मेरी पलकें इनसे लड़ा करें।
मैं क्या करूँ मैं कहाँ जाऊं बता दर्दे दिल
ज़िंदा हूँ आज तो तू साथ नहीं, मरने के बाद क्या दवा करें।
हर रोज़ हर वक्त आँसू पिया करें,
तू ही बता ज़िंदगी, तेरे बिन और कैसे जिया करें।