सीमा से परे
सीमा से परे
मैं
नील गगन में
बादलों से परे
क्षितिज के उस पार
उड़ना चाहती हूं।
मैं
नीले गहरे समुद्र में
गहराइयों से भी परे
डूब जाना चाहती हूं।
मैं
एवरेस्ट से भी
ऊंचे पर्वतों की
चोटियों पर चढ़
सारे संसार को
निहारना चाहती हूं।
मैं रेगिस्तान में
आर पार बिछे
गर्म ठंडे रेत पर धंसते
पैरों के साथ
दौड़ना चाहती हूं।
मैं
सीमित से परे
असीमित के साथ
जुड़ना चाहती हूं।
पर
क्या करूं
इस देह की तो
अपनी सीमाएं हैं।