धैर्य
धैर्य
कर्म पथ पर बढ़ते जाना
बाधा से न विचलित होना
कोस भाग्य कभी न रोना
कभी न मन का धैर्य खोना
सुख दुःख तो अभ्यागत हैं
बारी -बारी आते जाते
घबराकर न मार्ग बदलना
कर्म पथ पर बढ़ते जाना
जीवन चक्र तो चलता रहता
सावधान रहो, हमेशा कहता
परिस्थिति भी सदा बदलती
किस्मत भी है कभी छलती
यह तराजू के पलड़े जैसा
ऊपर नीचे तो होता रहता
कर्मवीर न कभी धैर्य खोते
सत्साहस का बीज है बोते
रात अमावस जब गहराती
हमें सावधान हैं कर जाती
तब धीरज ही काम है आता
जो मानव को सुखी बनाता।
