"वन पथ में राम"
"वन पथ में राम"
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आज रहों जई गांव।
सकारे चल जैइयो।
लोटा में भर कै, पानी लिआयें।
पत्ता टोर बिछौना बनाये।
थौड़ो कहो बतआओं, फिर तुम सो जैइयो ।
आज------
राम सियाजू, सुघर सलोने।
लक्ष्मण भैया लगत है नोने।
इनके सुन्दर भाव, सकारे चल जैइयो।
आज------
ते पितु मातु कहो सखी कैसे।
जिन्ह पठयै वन वाला ऐसे।
जगत रटो पछताय, सकारे सो जैइयो।
आज-----
एक कलश भर लावे पानी।
राम सिया की सुनै कहानी।
कंद मूल फल खाव, सकारे चल जैइयो।
आज------------
गांव-गांव अस होय अनंदू।
है रघुकुल के कैरव चंदू।
बढ़ रहो भक्ति भाव, सकारे चले जैइयों।
आज------------
आज रहों जई गांव।
सकारे चल जैइयो।