प्रभु राम
प्रभु राम
प्राण प्रतिष्ठा के दिन, पूर्ण हुई है आस
मेरे प्रभु राम ने सदियों, झेला वनवास
जागेंगे एक दिन सोये भाग्य हमारे भी
भारतवासियों को, है यह दृढ़ विश्वास
आज प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा देखकर
छलके अश्रु सबके, हुए भाव विभोर
बरसे पुष्प गगन से, जयकारे का शोर
हर्षित हुई धरा ,छाई खुशियां चहुं ओर
प्रभु श्रीराम आज निज धाम पधारे हैं
जगमग दीपों से पथ उजियारा कर दो
कलुषता इस मन की आज प्रभु हर दो
अपनी चरण रज से मुझे निर्मल कर दो
बिछाओ फूल राहों में मेरे राम आ गये
अति अद्भुत छवि देख, नैनों को भा गये
हम दीप जलायेंगे, नित दीवाली मनायेंगे
चरणों में राघव के निज शीश झुकायेंगे ।।