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Sangeeta Agarwal

Inspirational

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Sangeeta Agarwal

Inspirational

कभी धूप,कभी छांव

कभी धूप,कभी छांव

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धूप ने झुलसाया कभी

तो छांव ने सहलाया भी होगा,

ये जिंदगी है प्यारे! यहां कभी

धूप,कभी छाया का मेला लगा रहेगा।

दोनों को मुस्करा के जो लेता है

उसका जीवन मधुवन होता है।

एक की ही चाह रखने वालों का

जीवन परेशानियों का सबब होता है।

कभी धूप,कभी छांव,कभी

सुख ,कभी दुख,कभी खुशी

कभी गम,इनसे ही जीवन चलता है

परिपक्व हो जीवन कमल खिलता है।

सुनाती हूं किस्सा एक किसान का

जिसने मांगा प्रभु से एक वरदान,

धूप कभी न हो बस ऐसा मौसम

मांगता हूं,छाया रहे भरी आसमान।

तथास्तु कह प्रभु मुस्कराए,किसान

का भी मुख कमल खिल जाए।

फसल बोई गेंहू की,ली सुख की नींद

जरा सी भी धूप,गर्मी ने सताया न उसको।

जब फसल पकने का वक्त आया,

खुशी खुशी,उसने की कटाई,

पर हाय!ये कैसा रहा दुर्भाग्य

गेंहू का दाना तो फुस्स निकला भाई।

अब उसे समझ मर्म ये प्रभु का आया

क्यों भगवान करता कभी धूप ,कभी छाया।

किसी की मजबूती के लिए दोनो ही जरूरी

बिन धूप के छाया भी है अधूरी।



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