दस्तक दरवाजे पर
दस्तक दरवाजे पर
किसी का इंतजार करते हुए
दरवाजे पर दस्तक क्यों नहीं हो रही ?
ये शिकायत बनी रहती है, हर आवाज़
में, बस एक दस्तक सुनाई देती है।
वहीं जब किसी से बचना हो,
उससे बिल्कुल न मिलना हो,
दिल घबराता है, प्रार्थना करता है
भगवान!आज दस्तक न हो, ये वर दो।
दस्तक दरवाजे पर हो या दिल में
उसे ध्यान से सुनना चाहिए।
अवसर बार, बार नहीं मिलते जो
मिल गए हों तो उन्हें भुनाना आना चाहिए।
प्रभु के द्वार पर की गई दस्तक
कभी खाली नहीं जाती है।
सच्चे मन से की गई पुकार
हरियाली और बहार ही लाती है।
दस्तक दो या लो, ईमानदार रहो,
जो भी काम जिंदगी में करो
पूरी शिद्दत से करो। मौका जब
भी मिले जिंदगी में, उसे स्वीकार करो।