Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sangeeta Agarwal

Classics

4  

Sangeeta Agarwal

Classics

बिना फोन जिंदगी

बिना फोन जिंदगी

2 mins
416


पूछा एक रोज़ मैंने अपनी बूढ़ी दादी से,

कैसे रहते थे आप लोग बिना फोन उस ज़माने में?

हंसकर बोली वो,लाली! तुम लोग जैसे रहते हो

अपनत्व,उनसियत के बिना,नकली ठौर ठिकाने में।

आज तुम बंद कमरों में फोन पर

बात करते हो,दिन रात बिजी रहते हो,

एक ही घर में एक दूसरे की शक्ल भी

कभी कभी ही देखते हो।


त्यौहारों पर फोन के माध्यम से

बधाई संदेश भेजते हो,जीवन मरण

सब आभासी दुनिया में ही मना लेते हो

सारा संसार,तुम्हारा नेक्स्ट डोर नेबर है।

अपने घर में मां बीमार है,इसकी कहां खबर है ?


गूगल मैप से देख गाड़ी चलाते हो

अनजान रास्तों को अपना तुम बनाते हो

वो अलग बात है शहर की गलियां भूल जाते हो।

तरक्की का आलम ये है कि तुम

इस फोन के सहारे,दुनिया के बेस्ट शेफ बन चुके हो,

क्या हुआ जो मां और दादी के हाथ का

देसी तड़का और स्वाद आज भूल चुके हो !


फोन के बिना जिंदगी की कल्पना कर सकते हो ?

बिना सिर वाला व्यक्ति,धड़कन के बिना दिल

बिन चाहत जैसे चाहे कोई पाना मंजिल

फोन तो जिंदगी का पार्ट एंड पार्सल है।

पर सोचो!बिन फोन भी जिंदगी थी पहले

लोग दिलों से एक दूसरे से मिलते थे,

घर के आंगन,मुस्कराहट से खिलते थे,

सब खुशी गम संग संग पलते थे।


तकनीक को तकनीक रहने दो

उसे महबूबा की जगह न दो यारों !

उसके फायदे उठाते हुए खुद उसके

हाथों न बिक जाओ मेरे प्यारों।

जीवन में जिसकी जो जगह है

उसे वहीं रहने दो, दिमाग की चीज को

दिलों पर हावी मत होने दो, फिर यहीं इसी

धरा पर स्वर्ग उतर आएगा, बेखौफ"गीत"को कहने दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics